अमेरिका में एच1-बी समेत कई अस्थायीवर्क वीसाधारकों की एंट्री पर रोक के नए नियम बुधवार से लागू हो गए हैं। इस फैसले का सबसे ज्यादा असर भारतीयों पर पड़ा है। उनके सामने ना सिर्फ रोजगार का संकट पैदा हो गया है, बल्कि काफी लोग परिवारों से भी बिछड़ रहे हैं।

भारत में करीब एक हजार लोग ऐसे हैं, जो कोरोना संकट के दौरान अमेरिका से भारत आए थे और अब नए नियमों की वजह से यहीं फंस गए हैं, जबकि उनके पति या पत्नी और बच्चे अमेरिका में ही हैं।

इन्हीं में से एक हैं पूर्वा दीक्षित। लौटने के लिए वीसा अप्वॉइंटमेंट से एक दिन पहले 16 मार्च को लॉकडाउन लगा और अमेरिकी काउंसलेट बंद कर दिया गया। जिससे वे फंस गईं। कुछ ऐसी ही स्थिति विनोद अल्बुकर्क की भी है। फरवरी में पिता को स्ट्रोक के बाद वे अटलांटा से मैंगलोर आए थे। उनकी गर्भवती पत्नी और 6 साल का बेटा अमेरिका में ही हैं।

वे घर से ही काम भी कर रहे हैं। पत्नी की डिलीवरी सितंबर में होनी है, लेकिन विनोद की स्थिति भी पूर्वी की तरह ही है। इन दोनों की तरह इस समय भारत में कम से कम 1,000 ऐसे लोग हैं, जो नए वीसा प्रतिबंधों की वजह से अपने परिवार से बिछड़ गए हैं।

मां को भी खो दिया, अब मेरा मातृत्व भी प्रभावित हो रहा है: पूर्वा दीक्षित
10 साल से अमेरिका में रह रही पूर्वा और पति भारतीय नागरिक हैं, जबकि दोनों बच्चे अमेरिकी। मार्च में पूर्वा बीमार मां से मिलने मुंबई आई थीं। मां का निधन हो गया। अब नए नियमों से वापस नहीं जा पा रहीं। वे कहती हैं, ‘मां को तो खो ही दिया, अब मातृत्व भी प्रभावित हो रहा है।’



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कोरोना संकट के दौरान ये भारतीय अपनों से मिलने देश आए थे और तभी से यहां फंसे हुए हैं।
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